SCERT उत्तर प्रदेश द्वारा शैक्षिक वर्ष २०१३-१४ के विद्यालयी अनुभवों के आधार पर सतत एवं व्यापक मूल्याङ्कन हस्तपुस्तिका एवं विभिन्न प्रारूपों की पुनः समीक्षा की गयी. कार्यशाला के दौरान सभी सन्दर्भ व्यक्तियों के लिए यह चुनौती थी कि किस प्रकार सतत एवं व्यापक मूल्याङ्कन की मूल भावना को बनाये रखते हुए प्रारूपों को सरल बनाया जा सके जिससे शिक्षकों को इसे भरने में परेशानी न आये. इस कार्यशाला में विद्यालयों के शिक्षकों ने ही मुख्य सन्दर्भ व्यक्तियों के रूप में सतत एवं व्यापक मूल्याङ्कन हस्तपुस्तिका एवं विभिन्न प्रारूपों की समीक्षा की.
इस प्रयास में कितनी सफलता मिली, यह तो हमारे शिक्षक ही बता पायेंगे.
आपके अवलोकनार्थ इस कार्यशाला की कुछ छवियाँ...