Search This Blog

Sunday, 24 November 2013

गणित की एक कक्षा

गणित की एक कक्षा का दृश्य

कक्षा: 5                विषय: गणित              पाठ: 8                  लाभ-हानि
उददेश्य : दैनिक जीवन में गणितीय अवधारणाओ की समझ पैदा करना, तार्किक क्षमता का विकास करना।
कक्षा कक्ष में पहुंचने के पर शिक्षक ने सभी को नमस्ते बोला।
सभी बच्चों ने भी एक साथ कहा - नमस्ते सर।
तभी एक छा़त्रा सीमा बोली- सर जी, आज हम लोग क्या पढ़ेगे?
शिक्षक: (छात्रा की पहल को देखते हुए) सीमा! क्या तुमको पता है हम क्या पढ़ने वाले है?
सीमा: हा सर जी, शायद हमलोग लाभ, हानि के बारे में पढ़ेंगे।
रमजान: (सीमा की बात काटते हुए) सर जी, ये दुकान पर सामान बेचती है इसलिये ये लाभ-हानि के बारे में ही हमेशा बोलती है। (सभी बच्चे हंसने लगे, तभी मालती बोली)
मालती: गलत........सीमा सामान नहीं बेचती है, उसके पापा बेचते हैं।
शिक्षक: बहुत अच्छा, तब तो तुम लोगो को सामान लाने शहर नहीं जाना पड़ता होगा। (तभी किस्मत अली बोला)
किस्मत अली: सर जी इनके पापा बहुत महंगा सामान देते हैं। (सीमा तेजी से बोली)
सीमा: बाजार से लाते है तो मेहनताना तो लेंगे ही।
शिक्षक: सीमा तुम्हारे पापा कौन-कौन सा सामान दुकान पर बेचते हैं। (बबली बीच में टोकती हुर्इ बोली)
बबली: सर जी हम बतायें........?
शिक्षक: वाह, कमाल हो गया, दुकान सीमा के पापा की और सामान तुम्हें पता है, ठीक है बताओ।
बबली: आलू, प्याज, बिसिकट, दालमोठ....
रानी: माचिस, नमक, .........
रिंकू: दाल, चावल, आटा,
(बच्चे उत्साहित होकर सामान का नाम गिनाने लगते है शिक्षक उन्हें श्यामपटट पर लिखता है)
शिक्षक: ठीक है, ये बताओ सीमा, तुम्हारे पापा एक पैकेट बिसिकट कितने का बेचते है!
सीमा: 06 रूपये का ।
शिक्षक: और खरीदते कितने का है?
सीमा: 5 रूपये का ।
रिंकू: सर जी एक रू0 का नफा लेते है।
शिक्षक: अच्छा कोर्इ ऐसा है जिसने कापी भी खरीदी हो सीमा के पापा की दुकान से। कर्इ बच्चे एक साथ बोलने लगे.......कापी, पेन, आलू, (कुछ बच्चे मजा लेने के लिये उत्साही होकर और चीजो का नाम बताते हैं।)
शिक्षक: अच्छा यह बताओ, एक किलो आलू यहा कितने का मिलता है?
सीमा: (तपाक से बोली) हमारे पापा 12 रू0 किलो देते है। (तभी मालती बात काटते हुये बोली)
मालती: सर इनके पापा बलरामपुर से आलू 10 रू0 किलो लाते हैं और यहा 12 रू0 किलो बेचते हैंं। एक किलो पर 2 रू0 का नफा लेते है। (शिक्षक श्यामपटट पर लिखता है)
                सीमा के पापा गांव में आलू बेचते हैं 12 रू0 किलो
                सीमा के पापा बलरामपुर से आलू खरीदते है 10 रू0 किलो
शिक्षक: अच्छा जैसे मालती ने कहा कि सीमा के पापा को 2 रू0 का नफा हुआ तो इनको यह कैसे पता चला........?
      (बच्चे थोडी देर के लिये चुप रहें, और एक दूसरे से बातचीत करने लगे। कुछ देर बाद बोले)
रमजान: सर जी जितने में खरीदा है वह मूल्य जितने मे बेचा है उसमें से घटा कर  बताया। (सभी बच्चे रमजान की हा में हा मिलाने लगे)
शिक्षक: बहुत अच्छा, तब जो दो 2 रू0 का नफा हुआ उसको लाभ कहते हैं। अच्छा यह बताओ कि कभी 6 रू0 वाला बिसिकट 4 रू0 में भी बेचा है सीमा ........तुम्हारे पापा ने?
सीमा: हा जब बिसिकट टूट जाता है, तब.......
शिक्षक: तब कितने का नफा होता है?
बबली: (हंसते हुए) सर जी तब नफा होगा कि घाटा........!
शिक्षक: क्यों नफा नहीं होगा।
मालती: सर जी, वो बिसिकट 5 रू0 में खरीदा था तब टूट गया तो 4 रू0 में बेच दिया तो एक रू0 का घाटा हुआ
(श्यामपटट में शिक्षक ने लिखा)
                बिसिकट खरीदा- 5 रू0 में
                बिसिकट बेचा- 4 रू0 में
शिक्षक: यह तुमको कैसे पता चला?
मालती: सर जी, जितने रू0 में खरीदा था उसमें से जितने रू0 में बेचा घटा दीजिए। बस पता चल जायेगा।
शिक्षक: जो एक रू0 का घाटा हुआ उसी को हानि कहते है।
                जब बेचा गया मूल्य खरीदे गये मूल्य से अधिक होता है, तो लाभ होता है।''
                जब बेचा गया मूल्य खरीदे गये मूल्य से कम होता है, तो हानि होता है।''
शिक्षक: अच्छा बताओ........खरीदे गये मूल्य को और क्या कहते है?
                (बच्चे चुप रहते है आपस में बातचीत करने लगते हैं)
शिवकुमारी: (कुछ सोचते हुए) या तो क्रय मूल्य या विक्रय मूल्य में से कोर्इ एक है।
शिक्षक: ठीक कहा:
                खरीदे गये मूल्य को क्रय मूल्य कहते हैं।
                बेचे गये मूल्य को विक्रय मूल्य कहते हैं।
                (इस पर बच्चे आपस में बातचीत करने लगते हैं)
शिक्षक ने कक्षा के वातावरण को सरल बनाते हुए कक्षा कक्ष में बातचीत का मौका का माहौल तैयार किया, जिसमें बच्चे पूरी तरह सहज दिखें।

कक्षा-कक्ष की प्रकि्रया के दौरान (आंकलन के नजरिये से) शिक्षक ने देखा कि:
•             बच्चे बातचीत करते समय सहज और उत्साह से अपनी बात कहने को उत्सुक दिखे।
•             बातचीत के दौरान बच्चे आनन्द का अनुभव करते दिखायी दिये।
•             सीमा अपने पापा की दुकानदारी की बात करते हुए बहुत उत्साही दिखार्इ दी।
•             मालती बातचीत के दौरान ही यह बता ले रही है कि सीमा के पापा के कितनी लाभ और हानि हो रही है।
•             रमजान भी लाभ हानि को बता पा रहा है।
•             रिंकू, मिंटू, रानी, सिराज क्षेत्रीय भाषा में बात करने में ज्यादा सहज दिख रहे हैं।
सबसे अच्छी बात यह दिखी कि बच्चों को सामानों की खरीदारी और बेचने तथा उससे होने वाले लाभ व हानि के बारे में इतने उत्साही होकर बात कर रहें है कि उन्हे लगा ही नही कि कक्षा शिक्षण हो रहा है।
संकेतक: बच्चे लाभ-हानि क्रय-विक्रय मूल्य को बता रहे हैं।

Shared by : महमूदुल हक
00, पू0मा0वि0 मुजेहनी,

बलरामपुर।

No comments:

Post a Comment